भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि विदेशों से चंदा प्राप्त करने वाले (एनजीओ) के सभी सदस्यों, पदाधिकारियों और कर्मचारियों को सरकार के समक्ष यह घोषित करना होगा कि वे कभी किसी व्यक्ति के धर्मांतरण में शामिल नहीं रहे हैं.
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सोमवार को जारी इस अधिसूचना में भारतयी गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी चंदा (नियमन) क़ानून (एफसीआरए), 2011 में बदलाव की घोषणा की है. इसके तहत अब एक लाख रुपये तक के निजी उपहार प्राप्त करने वालों के लिए सरकार को इस बारे में सूचना देना ज़रूरी नहीं होगा. इससे पहले यह राशि 25 हज़ार रुपये तय की गई थी.
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इस अधिसूचना के अनुसार एनजीओ के पदाधिकारियों, कर्मचारियों और प्रत्येक सदस्य को यह प्रमाणित करना होगा कि कि उसे किसी भी व्यक्ति को एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए न तो सजा हुई है और न ही दोषी ठहराया गया है.
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एफसीआरए में हुए नए बदलाव के मुताबिक़, अगर किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा के दौरान आपात स्थिति में इलाज की ज़रूरत होती है और वह किसी से विदेशी मदद प्राप्त करता है तो उसे एक माह के भीतर इसकी सूचना सरकार को देनी होगी. इस सूचना में मदद का स्रोत, भारतीय मुद्रा में उसका मूल्य और उसके इस्तेमाल की पूरी जानकारी का ब्योरा देना होगा. पहले इसके लिए दो माह का समय दिया जाता था.